सेवक की महिमा || कबीर दास

1 Part

229 times read

2 Liked

सवेक - स्वामी एक मत, मत में मत मिली जाय | चतुराई रीझै नहीं, रीझै मन के भाय || सवेक और स्वामी की पारस्परिक मत मिलकर एक सिद्धांत होना चहिये | ...

×